Spiritual progress and restlessness..
जो मंंजिल देखे वो जाने
जेसे
बारिश मे खिलखिलाता उमंग
वो जानेना गिरने का दर्द
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जानो तो जाने तडप उसका
मंंजिल जाने का
जो मंंजिल देखे वो जाने
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घर मे बैटकर वो बोले, क्यौं गिरे
प्रतीक्षा करो बारिश रुकने का |
जानो तो जाने, ये बारिश इशारा
मंंजिल का
जो मंंजिल देखे वो जाने ||
गिरे तो गिरे वो बोले, किदर गिरे
वो क्या जाने गिरने का तो सबको हे
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जानो तो जाने सुख उसका गोद मे गिरने का
जो मंंजिल देखे वो जाने
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जो मंंजिल देखे वो जाने
जाने तो जाने कैसा होगा ये सफर,
मे मांगू सब का सात
हे मालिक तु खोलदे दिलके द्वार||